बिहार सरकार ने नागरिकों की शिकायतों के समयबद्ध समाधान के लिए बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम, 2015 लागू किया है। यह कानून 5 जून 2016 से पूरे राज्य में प्रभावी है। इसके तहत, नागरिकों को अपनी शिकायतों पर सुनवाई और निवारण के लिए 60 कार्य दिवसों के भीतर निर्णय प्राप्त करने का कानूनी अधिकार मिलता है।
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बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम: आपकी शिकायतों का समाधान, आपके अधिकार
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम 2015: बिहार में शिकायतों के समाधान की प्रक्रिया का चित्रात्मक विवरण। |
- शिकायतों की सुनवाई: आवेदन के तुरंत बाद पावती रसीद और सुनवाई की तिथि दी जाती है।
- समाधान का अवसर: संबंधित सरकारी अधिकारी और शिकायतकर्ता के बीच सुनवाई के बाद समाधान प्रदान किया जाता है।
- निर्णय की सूचना: निर्णय की प्रति दी जाती है ताकि अपील का अधिकार सुरक्षित रहे।
किन विषयों पर शिकायत दर्ज कर सकते हैं?
- सरकारी योजनाओं, सेवाओं या कार्यक्रमों से संबंधित लाभ प्राप्त करने या उसमें हो रही देरी।
- किसी लोक सेवक द्वारा नियमों, नीतियों या विधियों की अनदेखी।
- सरकारी सेवाओं में अनियमितता या अन्य संबंधित मुद्दे।
शिकायत के विषयों की सूची लोक शिकायत प्राप्ति केंद्रों और सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध है।
परिवाद दायर करने की प्रक्रिया
आप निम्नलिखित माध्यमों से शिकायत दर्ज करा सकते हैं:
- लोक शिकायत प्राप्ति काउंटर: अनुमंडल, जिला, या राज्य मुख्यालय में।
- ऑनलाइन पोर्टल: https://lokshikayat.bihar.gov.in
- डाक द्वारा।
शिकायत दर्ज कराने में सहायता के लिए सूचना-सह-सुविधा केंद्र भी उपलब्ध हैं। (alert-success)
आवेदन का प्रारूप डाउनलोड करें (download)
अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
कौन शिकायत दर्ज कर सकता है?
- कोई भी नागरिक या नागरिकों का समूह।
किन विषयों पर शिकायत दर्ज नहीं की जा सकती?
- सरकारी कर्मचारियों की सेवा संबंधी मामले।
- न्यायालय या अधिकरण के क्षेत्राधिकार वाले मामले।
- सूचना का अधिकार अधिनियम या अन्य अधिनियमों के तहत अधिसूचित सेवाएं।
शिकायत पर क्या कार्रवाई होगी?
- शिकायतकर्ता को सुनवाई का समुचित अवसर दिया जाएगा।
- संबंधित दस्तावेजों की समीक्षा के बाद निवारण किया जाएगा।
- निर्णय की प्रति शिकायतकर्ता को दी जाएगी।
क्या अपील का प्रावधान है?
यदि आप लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के निर्णय से संतुष्ट नहीं हैं, तो आप प्रथम अपीलीय प्राधिकरण के समक्ष अपील दायर कर सकते हैं। इसके लिए समय सीमा 30 दिन निर्धारित है।
निष्कर्ष
बिहार लोक शिकायत निवारण अधिनियम पारदर्शिता, जवाबदेही और नागरिकों को सशक्त बनाने का एक सशक्त माध्यम है। यदि आपकी कोई शिकायत है, तो इसे दर्ज करने में झिझक न करें और इस प्रभावी प्रणाली का लाभ उठाएं।
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प्रश्नोत्तर सेक्शन
प्रश्न: यह अधिनियम कब लागू हुआ?उत्तर: 5 जून 2016 से पूरे बिहार में लागू।
प्रश्न: क्या नियमावली भी बनाई गई है?
उत्तर: 22 जनवरी 2016 को अधिसूचित की गई।
प्रश्न: शिकायत दर्ज करने के लिए शुल्क?
उत्तर: कोई शुल्क नहीं।